Sunday, January 28, 2024

इंडी बनाम भिंडी बाजार

इंडी बनाम भिंडी बाजार




यानी इंडिया गठबंधन जिस तरह से तेजी के साथ इक्कठा हुआ उससे अधिक तेजी से बिखर गया। 



    अपने अपने स्वार्थ और खुद के फ़ायदे के लिए गठित और एकत्रित हुए इंडी गठबंधन भिंडी बाजार की तरह बिखरता हुआ दिखाई दिया। बिखरे हुए कूड़े कचरे को समेटने और उसे ठीक से नष्ट करने के लिए युक्ति संगत करने में समय लगता है। जिस नीति से एनडीए गठबंधन को भाजपा और आरएसएस ने युक्ति संगत ताकतवर बनाया है ठीक उसी तरह यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी अपनी कांग्रेस पार्टी को मज़बूत करने के लिए नए पैंतरे और भाजपा की नीति से ही टक्कर देनी होगी। 

    यहां जब राजनीतिक दलों की राजनीति की नीतियों के विषय में हम बात कर रहे हैं तो भारत के लोकतंत्र और संविधान को ध्यान में रखकर ही देश के लिए एकजुट होकर संगठित होकर देश हित की नीतियों पर चिंतन और युक्ति बनाने का प्रयास करना होगा।

  बीजेपी के पास आज नरेंद्र मोदी की विचारधार को धारदार बनाने वालों में ज्यादातर लोग दूसरे दलों से टूटकर जुड़े हैं। कांग्रेस का नेतृत्व अपनी रणनीतियों को देश हित में मजबूत करने में नाकाम साबित हो रहा है। यही कमज़ोरी कांग्रेस के बिखराव की वजह है और इसका फ़ायदा भाजपा को मिला है।

   हाल ही में हुए पांच राज्यों के चुनावों के का विश्लेषण और चिंतन करें तो कांग्रेस को नुकसान की वजह और भाजपा को फ़ायदा मिला। खासकर जब हम बात राजस्थान की करते हैं तो कांग्रेस के वैसे ही हालात आज हरियाणा और पंजाब में भी हैं। आगामी 2024 लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस की मज़बूत रणनीति नज़र नहीं आ रही है। 

  जिस तरह से कांग्रेस के राजस्थान में अलग अलग गुट्टों में मतभेद पार्टी की छ्वी बिगाड़ी है, ठीक उसी तरह आज पंजाब और हरियाणा की तस्वीर और तकदीर ने भाजपा को मज़बूत किया है। भाजपा ने कांग्रेस की कमजोरियों का फ़ायदा उठाया है। यही वजह रही कि कांग्रेस को भीतरी आघात पहुंचा है और बीजेपी ताकतवर बनाया।

 कुमारी सैलजा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने में नाकाम रही हैं। रणदीप सिंह सुरजेवाला मध्यप्रदेश में असफल रहे हैं और राजस्थान में सुखजिंदर सिंह रंधावा पार्टी को मज़बूत करने में नाकामयाब रहे। कांग्रेस की भीतरी गुट्टबाजी मतभेद और कमजोर रणनीतियों का भाजपा ने पूरा फ़ायदा उठाया। भाजपा ने कांग्रेस की जीती हुई बाजी को8 पलट दिया। 

  वक़्त रहते कांग्रेस अपनी गलतियों से सबक लेकर अपने संगठन को मजबूत करने के लिए उचित कारगर कदम नहीं उठाती तो निश्चित तौर पर लोकसभा चुनावों में भी औंधे मुंह गिरेगी। सबसे पहले उन्हें तत्काल गुट्टबाजी खत्म करनी होगी। ठोस निर्णय लेकर नई रणनीति बनानी होगी। प्रबुद्ध विचारकों की मदद लेनी होगी, बल्कि बुद्धिजीवी चिंतकों को विशेष शक्तियों के साथ एक फ्रंट फेसिंग और एक रीढ़ तैयार करनी होगी। ऐसा नहीं होता तो भविष्य में कांग्रेस बिखर कर शून्य हो जाएगी। 


Thursday, November 5, 2020

हरियाणा सरकार के पास नहीं है मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की नागरिकता प्रमाण पत्र : RTI से हुआ खुलासा

हरियाणा सरकार के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य समेत कई कैबिनेट मंत्रियों के भी नागरिकता से जुड़े दस्तावेज़ नहीं हैं।


कपूर ने मुख्यमंत्री सचिवालय (secretariat) के राज्य सूचना अधिकारी के इस जवाब पर हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि जिनके अपने नागरिकता (Citizenship) के प्रमाण पत्रों के रिकार्ड मौजूद नहीं हैं, वो पूरे प्रदेश और देश की 135 करोड़ जनता से सबूत मांग रहे हैं।


  चंडीगढ़। हरियाणा सरकार के पास मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर राज्यपाल और मंत्रियों के भारतीय नागरिक होने का कोई सबूत मौजूद नहीं है। मुख्यमंत्री सचिवालय ने यह सूचना निर्वाचन आयोग के पास होने की संभावना व्यक्त करते हुए इस बारे आरटीआई (RTI) आवेदन को वापस लौटा दिया है। पानीपत के आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि प्रदेश सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी के समर्थन में रैलियां कर रही है। इस बारे उन्होंने गत 20 जनवरी को मुख्यमंत्री सचिवालय में आरटीआई आवेदन लगाकर सीएम मनोहरलाल खट्टर और उनके सभी मंत्रीमंडल सहयोगी मंत्रियों और राज्यपाल के भारतीय नागरिक होने के सबूतों की छाया प्रति मांगी थी।
सीएम सचिवालय की जन सूचना अधिकारी एवं अधीक्षक पूनम राठी ने अपने 17 फरवरी के पत्र द्वारा बताया कि यह सूचना उनके पास रिकॉर्ड में नहीं है। मांगी गई सूचना निर्वाचन आयोग के पास उपलब्ध होने की सम्भावना व्यक्त करते हुए आरटीआई आवेदन को कपूर को वापास लौटा दिया।


RTI एक्टिविस्ट ने जताई हैरानी
कपूर ने मुख्यमंत्री सचिवालय के राज्य सूचना अधिकारी के इस जवाब पर हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि जिनके अपने नागरिकता के प्रमाण पत्रों के रिकार्ड मौजूद नहीं हैं, वो पूरे प्रदेश और देश की 135 करोड़ जनता से सबूत मांग रहे हैं। बता दें कि पिछले साल सितंबर में विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वादा किया था कि वह अवैध प्रवासियों को हरियाणा से निकालने के लिए राज्य में NRC लागू करेंगे।




पीपी कपूर ने किया एक और खुलासा
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने लोकसभा राज्यसभा व वित्त मंत्रालय से आरटीआई में प्राप्त जानकारी से खुलासा किया कि 2178 पूर्व सांसदों की सालाना पेंशन पर 70.50 करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे हैं। पैंशनर  पूर्व सांसदों की संख्या में भी बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। दक्षिणी भारतीय फिल्मों के स्टार एस. शरत कुमार इकलौते पूर्व सांसद हैं जिन्होंने स्वेच्छा से पेंशन लेने से इन्कार कर दिया। पैंशनर पूर्व सांसदों में नामी फिल्मी सितारे, उद्योगपति व सभी दलों के प्रमुख नेता शामिल हैं।

Friday, October 30, 2020

आज रात होगा 'ब्लू मून' का दीदार

आज रात होगा 'ब्लू मून' का दीदार
आज आसमान में एक दुर्लभ 'ब्लू मून' का नजारा दिखाई देगा. ब्लू मून का दीदार रात 8.19 बजे के करीब हो सकेगा. 'ब्लू मून' की खगोलीय घटना बेहद दुर्लभ होती है. भले ही इस घटना को 'ब्लू मून' नाम दिया गया हो लेकिन ऐसा नहीं है कि चांद दुनिया में हर जगह नीले रंग का दिखने लगता है. असल में जब वातावरण में प्राकृतिक वजहों से कणों का बिखराव हो जाता है तब कुछ जगहों पर दुर्लभ नजारे के तौर पर चंद्रमा नीला प्रतीत होता है.'

एक महीने के भीतर दूसरी बार दुर्लभ पूर्ण चंद्र दिखेगा. आम तौर पर हर महीने में एक बार पूर्णिमा और एक बार अमावस्या होती है. हालांकि, ऐसा दुर्लभ ही होता है कि एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा (पूर्ण चंद्र) होती है और ऐसे में दूसरे पूर्ण चंद्र को ‘ब्लू मून’ कहा जाता है. मुंबई के नेहरू तारामंडल के निदेशक अरविंद प्रांजपेय ने कहा कि एक अक्टूबर को पूर्णिमा थी और अब दूसरी पूर्णिमा 31 अक्टूबर को होगी.

निदेशक ने कहा, 'चंद्र मास की अवधि 29.531 दिनों अथवा 29 दिन, 12 घंटे, 44 मिनट और 38 सेकेंड की होती है, इसलिए एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा होने के लिए पहली पूर्णिमा उस महीने की पहली या दूसरी तारीख को होनी चाहिए.'

इसके बाद अगला 'ब्लू मून' कब होगा
दिल्ली के नेहरू तारामंडल की निदेशक एन रत्नाश्री का कहना है कि '30 दिन के महीने के दौरान ब्लू मून होना कोई आम बात नहीं है. 30 दिन वाले महीने में पिछली बार 30 जून, 2007 को ‘ब्लू मून’ रहा था और अगली बार यह 30 सितंबर 2050 को होगा. साल 2018 में दो बार ऐसा अवसर आया जब ‘ब्लू मून’ की घटना हुई. उस दौरान पहला ‘ब्लू मून’ 31 जनवरी जबकि दूसरा 31 मार्च को हुआ. अब इसके बाद अगला ‘ब्लू मून’ 31 अगस्त 2023 को होगा.

कुमारी सैलजा पर हमले के मामले में FIR दर्ज, शिकायत में ये नाम हैं शामिल प्रभारी विवेक बंसल के साथ हुई बदतमीजी और धक्कामुक्की को लेकर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई






बल्लभगढ़ में निकिता तोमर के परिवार से मुलाकात करने पहुंची हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा और कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल के साथ हुई बदतमीजी और धक्कामुक्की को लेकर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई है.

फरीदाबाद के अशोक रावल ने वार्ड न. 3 से पार्षद जयवीर खटाना और उनके साथ मौजूद लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. जिसके बाद थाना मुजस्सर पुलिस ने IPC की धारा 341, 34, 506, और SC ST Act के तहत केस दर्ज कर लिया है. 
आपको बता दें कि निकिता तोमर के परिवार से मिलने पहुंची कुमारी सैलजा और अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ पार्षद जयवीर खटाना और अन्य बीजेपी के पदाधिकारियों ने बदतमीजी की और जब वो वहां से निकल गईं तो उनका रास्ता रोक लिया. आरोप है कि इस दौरान जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया और कांग्रेस नेताओं को जान से मारने की धमकी भी दी गई. अशोक रावल ने शिकायत में दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.

Sunday, August 9, 2009

जज के नाम पर फोन करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज



जज के नाम पर फोन करने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज


चंडीगढ़।
मुलाना इंजीनियरिंग कॉलेज में खुद को जज बताकर छात्रा की एडमिशन कराने की कोशिश की थी सेक्टर 36 स्थित गुरु द्रोणाचार्य इंस्टीटच्यूट के संचालक अजय अरोड़ा ने। शुक्रवार को अजय ने चीफ जस्टिस बनकर मुलाना इंजीनियरिंग कॉलेज के चांसलर तरसेम कुमार गर्ग को फोन किया था।
तरसेम ने इसकी जानकारी चीफ जस्टिस तक पहुंचा दी। चंडीगढ़ पुलिस ने अजय के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। बेटी को बीटेक में एडमिशन दिलाने के सिलसिले में चुन्नी के सिकंदर सिंह इंस्टीटच्यूट पहुंचे थे। इस छात्रा को बारहवीं में 82 फीसदी नंबर मिले थे, लेकिन उसने एआईईईई नहीं दिया था। अजय अरोड़ा ने सिकंदर से डेढ़ लाख रुपए लेकर एडमिशन का भरोसा दिया।

सिकंदर के मुताबिक, अजय ने कहा कि सीधे मुलाना इंजीनियरिंग कॉलेज चले जाना और चिट पर रिकमेंडेशन के लिए चीफ जस्टिस का नाम लिखना। सिकंदर ने ऐसा ही किया और गर्ग के ऑफिस में चिट भेजी। इस पर लिखा था केयर ऑफ चीफ जस्टिस। गर्ग ने तुरंत सिकंदर को अंदर बुलाया और सारा केस सुनने के बाद कहा कि उनकी एडमिशन सिर्फ एनआरआई सीट पर हो सकती है।
उन्होंने सिकंदर को एनआरआई कोटे का फॉर्म दिया और 40 लाख रुपए बतौर फीस जमा कराने को कहा। सिकंदर इतनी बड़ी रकम देने की स्थिति में नहीं थे। सिकंदर ने अजय से संपर्क कर जनरल सीट पर एडमिशन दिलाने को कहा। अजय ने सिकंदर से कहा कि वह कॉलेज में ही रहें, वह जज साहब से फोन करवाता है। पुलिस के अनुसार इसके बाद अजय ने खुद ही चीफ जस्टिस बनकर कॉलेज के चांसलर तरसेम कुमार गर्ग को फोन किया और एडमिशन के निर्देश दिए। पुलिस ने अजय के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया। पुलिस ने अजय के घर और ऑफिस में रेड की। उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।

Thursday, August 6, 2009

यदि महंगाई बढ़ती रही तो जनता सांसदों को पीटेगी : लालू

lalu_02 तेजी से बढ़ती महंगाई अगर ऐसे ही बढ़ती रही तो एक दिन जनता अपने सांसदों को पीटने लगेगी। यह डर किसी और का नहीं बल्कि पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद का है जो उन्होंने गुरुवार को लोकसभा में महंगाई पर बहस के दौरान जताया।

उन्होंने कहा कि सरकार को सांसदों की सुरक्षा की पूरी व्यवस्था कर लेनी चाहिए क्योंकि उनके निर्वाचन क्षेत्रों में जनता उनकी पिटाई करने वाली है। पूर्व रेलमंत्री ने यह भी कहा कि वे यह मजाक में नहीं बल्कि पूरी गंभीरता से कह रहे हैं।

लालू प्रसाद ने कहा कि संसद का सत्र खत्म होते ही सब अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाएंगे और सबको तेजी से बढ़ती महंगाई का जवाब मतदाताओं को देना होगा। हम सिर्फ आंकड़े दिखा कर बच नहीं सकते।

उन्होंने बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाएं और उन्हें जमाखोरी रोकने के लिए एक समयसीमा दे दी जाए।

लालू प्रसाद यादव का यह बयान केन्द्र और राज्य सरकारों के लिए गले की फांस बन सकता है | खाद्य पदार्थों की काला बाजारी में जुटे लोगों को ऐसे में मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचना और भी आसान हो सकता है | कालेकरोबारियों पर अगर वक्त रहते नकेल नहीं डाली गई तो न केवल इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं बलीकी मुनाफे के लिए कालेकरोबार को बढावा देने के सरकार पर भी कई सवाल खडे हो सकते हैं | अगर यह भी मान लिया जाए कि लालू प्रसाद यादव अपने स्वार्थों की राजनीती खेल रहे हैं तो भी इस सच्चाई से मुहं नहीं मोडा जा सकता की केंदर सरकार के वो सब दावे ग़लत साबित हो रहे हैं , जिसमें महंगाई पर नियंत्रण करने के बड़े बड़े बयान दिए जा रहे हैं | सरकार को धरातल के आधार पर ही अपना दायित्व का निर्वहन करना ही उचित होगा न कि लोगों को भटकाने के लिए उन योजनाओं की घोषणा करके ध्यान भटकाने का प्रयास करना चाहिए , जिससे लालू प्रसाद यादव के दिए उक्त बयान चिर्तार्थ होने होने का इन्तजार करना चाहिय | सरकार को बदती महंगाई के कारण बदती बेरोज़गारी पर भी लगाम लगानी होगी | अगर सरकार वक्त रहते नहीं चेतेगी तो इसका खामियाजा भी आम जनता को ही भोगना पड़ सकता है और फीर शायद इतनी देर हो जाए कि सरकार वो सब हालत काबू करने में भी काफ़ी मशकत करनी पड़े जो उसके बस की बात न हो जाए |

Wednesday, July 29, 2009

"जिन्दगी से खिलवाड़"

"जिन्दगी से खिलवाड़"

हरियाणा प्रदेश में कानून को ठेंगा दिखाकर खादय पदार्थों में मिलावट के काले कारोबार को खुलेआम मुनाफेखोर अंजाम दे रहे है | समाज के सजग प्रहरी पत्रकारों ने अपनी कलम से आम इंसान की जिन्दगी से खिलवाड़ करने वालों का हलाँकि भंडाफोड़ कर केवल उन्हें नंगा करने का प्रयास किया, बलिकि कानून के कुछ भ्रष्टाचारी पहरेदारों को कुम्भकरण की नींद से जगाने का प्रयास भी किया |परन्तु बड़ी ही शर्म की बात है कि सबसे पहले इस मिलावटी कारोबार को दबाने का प्रयास करने वालों में वो लोग भी शामिल थे, जो आज पत्रकारिता के नाम पर काला दाग है और सिवाए दलाली के कुछ नहीं करते |यही नहीं इस पत्रकार जगत में वो काली भेडें भी शामिल हैं जिन्होंने बहती गंगा में हाथ धोना ही गवांरा समझा और एक गन्दी मछली की भांति सारे तालाब को भी गन्दा कर डाला है |नकली और मिलावटी काले कारोबार करने वालों में केवल खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वाले ही शामिल हैं ब्लिकी तरहां तरहां की बिमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए जीवन रक्षक दवा निर्माता भी पीछे नहीं हैं | आज इस काले कारोबार के गोरख धंधे का पर्दाफाश होने के बावजूद राज्य सरकार और कानून के पहरेदार मिलावटखोरों के ख़िलाफ़ कोई करवाई करने के बजाय आँखें मूंदे बैठे हैं | हरियाणा का शायद ही कोई ऐसा जिला बचा हो जिसमें नकली खोय (मावा) जिससे कई तरहां की नकली मिठाई बनाई जाती है | दूध , पनीर और देसी घी शरेआम बेचा जा रहा है | पानीपत और हरियाणा के दुसरे जिलों से भारी मातृ में नकली देसी घी और नकली पनीर तक पुलिस ने मीडिया की खबरों के बाद पकड़ा | अम्बाला में भी कई बार ऐसे नकली मावा पनीर और देसी घी बनाकर बेचने वाले कालेकारोबारी पकड़े गए हैं | लेकिन अम्बाला में पिछले दिनों हमने भी एक सुचना मिलने पर नकली देसी घी के काले कारोबार की तह तक जाने के लिए एक व्यक्ति का पीछा किया | जब परचून करियाना की दूकान पर उस व्यक्ति को नकली डालडा (वनस्पति) घी बेचते पकड़ा तो उसके हाथ पैर फूल गए | जब इस व्यक्ति को हमने पुछा कि आख़िर वो आम लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ केवल अपने मुनाफे के लिए क्यों कर रहा है तो वह उसने साफ़ इनकार कर दिया कि नकली घी का टिन उसका है ही नहीं | हमने देखा यह टिन का दिबा जिसपर राजहंस वनस्पति लिखा था खोलने पर पता चला कि उसमें मात्र एक पाउडर ही है जिसमें बाद में तेल नुमा कोई तरल पदार्थ डालकर ग्राहकों को परोस दिया जाता | बहरहाल जब यह गोरखधंधा करने वाला कलाकारोबारी समर चलता हुआ देख झट समझ गया कि अब वो फंस गया है तो वेह मोके से फरार होने लगा हमारे एक साथ ने उसका पीछा भी किया | लेकिन वो इतना शातिर निकला ख़ुद को फंसता देख दुसरे काले कारोबारियों को इकठा कर हमारा विरोध करने लगा | हमने तुंरत पुलिस को फोन लगाया लेकिन पुलिस कंट्रोल रूम से जब हमें कोई मदद नहीं मिली तो सभी कालेकरोबारियों ने इकठा होकर कुछ दलाली करने वाले पत्रकारों और छूट भये नेतायों के साथ मिलकर विरोध पर उतारू हो गया | काफ़ी देर तक हमें अपनी अवेध हिरासत में रखने के बाद पुलिस के साथ सांठ गाँठ कर हमारे विरूद्व ही पैसे की मांग करने का माला दर्ज करवा दिया | जब बाद में शहर के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को सारे मामले का पता चला तो उनहोंने इन काले करोबारिओं के के ख़िलाफ़ भी नकली घी बेचने और अवेध हिरासत में रखने का मामला दर्ज करने की मांग जिला एस.पी से की और हमारे केमरे की रिकॉर्डिंग को जो लगतार रिकॉर्डिंग कर रहा था के आधार बनाकर सारे मामले में हस्तक्षेप कर कानूनी करवाई करने की मांग की | बस सभी काले कारोबारियों के हाथ पाँव फूल गए | तभी अपने बचायो की खातिर उन्होंने पुलिस के साथ मिलकर मामला रफा दफा करने और माफ़ी मांगने को भी तैयार हो गए | इसमें वो लोग जो पत्रकारिता के नाम पर काला धब्बा है ने अपने स्वार्थों के लिए पर्दे के पीछे रहकर अपने कारनामों को भी छुपाने का प्रयास किया | अब सवाल यह उठता है कि आख़िर जब हमारे केमरे में सारी सचाई क़ैद थी फीर भी जिला प्रशाशन चुप कियों था | कियों नहीं इन काले कारोबारियों के ख़िलाफ़ करवाई की गयी ? आख़िर कहाँ से यह घी रहा है जो इंसान के लिए जहर है | कियों नहीं उनका सेम्पल भरा गया ? हम अपने चैनल पर इस सारे कारनामे को दिखाना कहते थे लेकिन उन चैनल वालों ने भी हमारा साथ नहीं दिया | बलिकि नोकरी से हटा दिया गया | अब सवाल यहाँ पत्रकारों के होंसले का था जिसको चैनल के मालिक और कुछ दलाल जो पत्रकारिता के नाम पर काला दबा हैं ने धराशाही कर दिया | अब जरा आप ही सोचिये भला इस समाज के प्रति अपना दायित्व कैसे कोण और कियों निभाएगा ? और आप भी यह भली भाँती सोचिये किया जो बाज़ार से आप खरीद रहे हैं क्या वो शुद्ध है ? , जिस दूकानदार से आप खरीद रहे हैं क्या वो सचमुच आपको जो दे रहा है वो ठीक है ? यही नहीं अम्बाला के साथ कई हरियाणा के दवानिर्माता भी कहीं किसी से पीछे नहीं जो कहने को जीवन रक्षक दवाएं बनाते हैं लेकिन यहाँ यह कहना कदाचित ग़लत होगा कि पत्रकारों का काले कारोबारियों के ख़िलाफ़ अभियान जारी है , लेकिन सोचना और जागृत होना होगा आम नागरिक को और करनी होगी आवाज बुलंद इन सभी काली भेड़ों के ख़िलाफ़ | मोखिक रूप से काले कारोबारी और पुलिस स्थानीय प्रशाशन भी यह मानता है की यह गोरख धंधा सरेआम हो रहा | जब कानून के रखवाले अपने नाक के नीचे लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ करवा रहे हैं तो भल्ला प्रहरी वहाँ क्या करेंगे ?